🔆💥 जय श्री राम 🔆💥
“ प्रार्थना में शब्द या भाव का महत्व ” कहानी ~ नमः वार्ता
एक पंडित जी समुद्री जलयान से यात्रा कर रहे थे, रास्ते में एक रात चक्रवात आने से जलयान को एक द्वीप के पास लंगर डालना पडा। सुबह पता चला कि रात आये तुफान में जलयान में कुछ क्षति आ गयी है, जलयान को एक दो दिन वहीं रोक कर उसकी मरम्मत करनी पडेगी।
पंडित जी नें सोचा क्यों ना एक छोटी बोट से द्वीप पर चल कर घूमा जाये, यदि कोई मिल जाये तो उस तक प्रभु का संदेश पहुंचाया जाय और उस प्रभु का मार्ग बता कर प्रभु से मिलाया जाये।
तो वह जलयान के प्रमुख से अनुमति ले कर एक छोटी बोट से द्विप पर गये, वहाँ इधर उधर घूमते हुवे तीन द्वीपवासियों से मिले। जो बरसों से उस सूने द्वीप पर रहते थे। पंडित जी उनके पास जा कर बातचीत करने लगा।
उन्होंने उनसे ईश्वर और उनकी आराधना पर चर्चा की । उन्होंने उनसे पूछा- “क्या आप ईश्वर को मानते हैं ?”
वे सब बोले- “हाँ..।“
फिर उन्होंने ने पूछा- “आप ईश्वर की आराधना कैसे करते हैं ?"
उन्होंने बताया- ''हम अपने दोनो हाथ ऊपर करके कहते हैं "हे ईश्वर हम आपके हैं,
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