शनिवार, 11 मार्च 2023

“ पापा का प्यार ” कहानी ~ नमः वार्ता

“ पापा का प्यार ” कहानी ~ नमः वार्ता

  🔆💥 जय श्री राम 🔆💥

 “ पापा का प्यार ” कहानी ~ नमः वार्ता


 ```पाँच दिन की छुट्टियां बिता कर जब ससुराल पहुँची तो पति घर के सामने स्वागत में खड़े थे। 

अंदर प्रवेश किया तो छोटे से वाहन कक्ष में चमचमाती गाड़ी खड़ी थी स्विफ्ट डिजायर!


मैंने नेत्रों ही नेत्रों से पति से प्रश्न किया तो उन्होंने गाड़ी की चाबियाँ थमाकर कहा:-"कल से तुम इस गाड़ी में विद्यालय जाओगी प्रधानाचार्य महोदया!"


"ओह प्रभू!!'' 


 प्रसन्नता इतनी थी कि मुँह से और कुछ निकला ही नही। बस जोश और भावावेश में मैंने तहसीलदार महोदय को एक जोरदार झप्पी देदी और अमरबेल की तरह उनसे लिपट गई। उनका उपहार देने का मार्ग भी भिन्न हुआ करता है। 


सब कुछ चुपचाप और अचानक!! 


स्वयं के पास पुरानी इंडिगो है और मेरे लिए और भी महंगी खरीद लाए। 


6 वर्ष के विवाहित जीवन में इस व्यक्ति ने न जाने कितने उपहार दिए। गिनती करती हूँ तो थक जाती हूँ। निष्ठावान है रिश्वत नही लेते । किंतु व्ययी इतने कि उधार के पैसे लाकर उपहार खरीद लाते है।


लम्बी सी झप्पी के उपरांत मैं अलग हुई तो गाडी का निरक्षण करने लगी। मेरा पसंद का रंग था। बहुत सुंदर थी। 


फिर दृष्टि उस स्थान गई जहाँ मेरी स्कूटी खड़ी रहती थी।

हठात! वो स्थान तो रिक्त था। 


"स्कूटी कहाँ है?"

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