https://twitter.com/VPSINGHSITU/status/1545353385276473344@SIMPALPERSON09 ऐसा कुछ नहीं है, बस एक कुंठा मन में भर रखी है, जोकि वोटो के चक्कर में इनके ही जाति के नेताओ ने भरी है। जैसे बहुतों को अपना पिता मूर्ख लगता है और सुहाने ढोल वाले परिवार के बुजुर्ग बहुत बुद्धिमान। बस यही हो रहा है जबकि दोनों अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका रखते है।
— विनीत प्रताप सिंह सीतूभदौरिया🌄 (@VPSINGHSITU) Jul 8, 2022
शुक्रवार, 8 जुलाई 2022
@SIMPALPERSON09 ऐसा कुछ नहीं है, बस एक कुंठा मन में भर रखी है, जोकि वोटो के चक्कर में इनके ही जाति के नेताओ ने भरी है। जैसे बहुतों को अपना पिता मूर्ख लगता है और सुहाने ढोल वाले परिवार के बुजुर्ग बहुत बुद्धिमान। बस यही हो रहा है जबकि दोनों अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका रखते है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें