शुक्रवार, 8 जुलाई 2022

हमारे गांव में रहने वाला धोबी परिवार अपरचित स्थानों अपने आपको वर्मा और कोरी अपने नाम के आगे सिंह लगाकर जाति ठाकुर बता रहे है।कोई अपनी जाति क्यों छिपाना चाहताहै उनमें इतनी कुंठा किसने भर दी कि वे अपने कार्य और जाति को छिपाने का प्रयासरत है,क्या उनकी जातिके कर्म बिना समाज चल सकताथा

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