शनिवार, 23 दिसंबर 2023

“महाबालिदान- शौर्य तथा शोक का सप्ताह” कहानी ~ नमः वार्ता

“महाबालिदान- शौर्य तथा शोक का सप्ताह” कहानी ~ नमः वार्ता

  🔆💥 जय श्री राम 🔆💥

 “महाबालिदान- शौर्य तथा शोक का सप्ताह” कहानी ~ नमः वार्ता


पूस का 13वां दिन…. 

 वजीर खां ने फिर पूछा- "बोलो इस्लाम स्वीकार करते हो"? 


6 साल के छोटे साहिबजादे फ़तेह सिंह ने वजीर खां से पुछा-

"अगर मुसलमान हो गए तो फिर कभी नहीं मरेंगे न ?"


वजीर खां अवाक रह गया।

उसके मुँह से उत्तर न फूटा तो साहिबजादे ने उत्तर दिया कि "जब मुसलमान हो के भी मरना ही है , तो अपने धर्म में ही अपने धर्म की लिए क्यों न मरें ?"


दोनों साहिबजादों को जीवित दीवार में चुनवाने का आदेश हुआ। दीवार चिनी जाने लगी । 

जब दीवार 6 वर्षीय फ़तेह सिंह की गर्दन तक आ गयी तो 8 वर्षीय जोरावर सिंह रोने लगा।

फ़तेह ने पूछा, "जोरावर रोता क्यों है ?"


जोरावर बोला-"रो इसलिए रहा हूँ कि आया मैं पहले था पर धर्म के लिए बलिदान तू पहले हो रहा है"

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