शनिवार, 18 मार्च 2023

“ चार धाम की यात्रा ” कहानी ~ नमः वार्ता

“ चार धाम की यात्रा ” कहानी ~ नमः वार्ता

   🔆💥 जय श्री राम 🔆💥

 “ चार धाम की यात्रा ” कहानी ~ नमः वार्ता


        रक्षाबंधन का त्यौहार पास आते  ही मुझे सबसे ज्यादा जमशेदपुर वाली बुआ जी की  राखी के  आने की प्रतीक्षा रहती थी। कितना बड़ा  पार्सल भेजती थी बुआ जी। भिन्न-भिन्न के मिठाई, खिलौने मां  के लिए साड़ी, पापाजी के लिए कोई कपड़े।


इस बार भी बहुत सारा सामान  भेजा था उन्होंने। पटना और  रामगढ़ वाली दोनों बुआ जी ने  भी रंग बिरंगी राखीयों के साथ बहुत सारे उपहार भेजे थे। बस  रोहतास नगर वाली जया बुआ की राखी हर वर्ष की प्रकार एक साधारण से लिफाफे में आयी थी। पांच राखियाँ, कागज के टुकड़े में लपेटे हुए रोली चावल और  पचास का एक नोट।


मां  ने  चारों बुआ जी के पैकेट डायनिंग टेबल पर  रख दिए थे ताकि पापा कार्यालय से लौटकर एक  दृष्टि  अपनी बहनों की भेजी राखियां और उपहार देख ले। पापा प्रतिदिन की प्रकार आते ही  टेबल पर भोजन का

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