🔆💥 जय श्री राम 🔆💥
“इच्छाशक्ति ” कहानी ~ नमः वार्ता
वर्ष 1979 में जाधव 10 वीं की परीक्षा देने के पश्चात अपने गाँव में ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ का जल उतरने पर इसके बरसाती भीगे रेतीले तट पर घूम रहे थे।
तभी उनकी दृष्टि लगभग 100 मृत सांपों के विशाल गुच्छे पर पड़ी। आगे बढ़ते गए तो पूरा नदी का किनारा मरे हुए जीव जन्तुओं से अटा पड़ा एक मरघट सा था। मृत जानवरों के शव के कारण पैर रखने की जगह नही थी।
इस दर्दनाक सामूहिक निर्दोष मौत के दृश्य ने जाधव के किशोर मन को झकझोर दिया।
हज़ारो की संख्या में निर्जीव जीव जन्तुओ की निस्तेज फटी मुर्दा आँखों ने जाधव को कई रात
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