🔆💥 जय श्री राम 🔆💥
"आत्मा से तृप्त लोग" कहानी ~ नमः वार्ता
बस स्टैंड पर बैठा मैं अपने नगर जाने वाली बस का प्रतीक्षा कर रहा था। अभी बस स्टैण्ड पर बस लगी नहीं थी। मैं बैठा हुआ एक किताब पढ़ रहा था।
मुझे देखकर लगभग 10 वर्ष की एक बच्ची मेरे पास आकर बोली, "बाबू पैन ले लो,10 के चार दे दूंगी। बहुत भूख लगी है, कुछ खा लूंगी।"
उसके साथ एक छोटा-सा लड़का भी था, संभवतः भाई हो उसका।
मैंने कहा: मुझे पैन तो नहीं चाहिए।
आगे उसका प्रश्न बहुत प्यारा सा था, फिर हम कुछ खाएंगे कैसे ?
मैंने कहा: मुझे पैन तो नहीं चाहिए पर तुम कुछ खाओगे अवश्य।
मेरे बैग में बिस्कुट के दो पैकेट थे, मैने बैग से निकाल एक-एक पैकेट दोनों को पकड़ा दिए।
पर मेरी आश्चर्य की कोई सीमा ना रही जब उसने
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