🔆💥 जय श्री राम 🔆💥
ईश्वर का घर
एक बेसहारा बूढ़ा व्यक्ति एक दरगाह के सामने वाले फुटपाथ पर बैठा ठंड से बुरी प्रकार काँप रहा था। ठंड बढ रही थी, लगता था कि बारिश भी हो जायेगी।
उसके ठीक सामने मज़ार पे चादर चढ़ाने वालों की कतार लगी हुई थी। वह हरेक की ओर टकटकी लगा कर देख रहा था। उसे हर चादर में अपना जीवन दिखायी पड़ रहा था, संभवतः कोई उसे कुछ ओढने के लिये दे दे।
परंतु उसकी ओर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा था, जाये भी क्यों? हरेक को मजार पर चादर चढ़ाने की शीघ्र थी और अपने लिए कुछ न कुछ माँगने की भी।
उसी समय एक मजदूर उसी फूटपाथ
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