🔆💥 जय श्री राम 🔆💥
“क्षमा बडन को चाहिए ” कहानी ~ नमः वार्ता
बात लगभग 18 वर्ष पहले की है विवाह के 2 महीने ही हुए होंगे मैं रसोई में भोजन बना रही थी।
उस दिन अमावस्या थी पूर्वजों को भोग लगाना था। बस रोटी बनानी थी कि पतिदेव रसोई में आ गए और भोजन परोसने को कहा।
नई-नई विवाह हुई थी और कम उम्र होने की कारण से मुझे अधिक ज्ञान भी नहीं था सो मैंने पतिदेव को भोजन परोस दिया तभी मेरी जिठानी जी रसोई में आई तो वह बोली अरे अभी तो पूर्वजों को भोग लगाना था तुम्हें स्मरण नहीं रहा।
सुनकर में एकदम स्तब्ध रह गई मैं इतना डर गई कि अब क्या होगा। सासू मां बाहर ही बैठी थी और ससुर जी भी वही थे जेठानी जी ने कहा तुम ही सासू मां
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