🔆💥 जय श्री राम 🔆💥
“ मूल्यवान सिख ” कहानी ~ नमः वार्ता
एक दिन दोपहर को एक मित्र के साथ सब्जी बाज़ार टहलने गया। अचानक, फटे कपड़ों में एक बूढ़ा आदमी हाथ में हरी सब्जियों का थैलियां लेकर हमारे पास आया। उस दिन सब्जियों की बिक्री बहुत कम थी,पत्ते निर्जलित और पीले रंग के लग रहे थे और उनमें छेद हो गए थे, जैसे कि कीड़ों ने काट लिया हो लेकिन मेरे मित्र ने बिना कुछ कहे तीन थैली खरीद लिए।
बूढ़े ने भी लज्जित होकर समझाया: "मैंने ये सब्जियां स्वयं उगाईं, कुछ समय पहले बारिश हुई थी, और सब्जियां भीग गई थीं। वे बदसूरत दिखती हैं। मुझे खेद है"
बूढ़े आदमी के जाने के पश्चात,मैंने अपने मित्र से पूछा: "क्या तुम सच में घर जाकर इन्हें पकाओगे?"
वह मुझे ना
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