शुक्रवार, 15 अप्रैल 2022

“ जीवन की सार्थकता/उद्देश्य ” कहानी ~ नमः वार्ता

“ जीवन की सार्थकता/उद्देश्य ” कहानी ~ नमः वार्ता

🔆🔆🔆 जय श्री राम 🔆🔆🔆
 जीवन की सार्थकता/उद्देश्य 


हरी घास के बीच एक सूखी घास का तिनका पड़ा था। उसे देखकर हरी घास उस सूखे तिनके के निष्क्रिय अर्थहीन जीवन पर खिलखिला कर हँस पड़ी और हँसते-हँसते वह उससे कहने लगी, ‘अरे! सूखे रसहीन तिनके, तेरा हम हरे-भरों के बीच में क्या कार्य?’
हरी घास का यह ताना सुनकर सूखे तिनके को अपने रसहीन जीवन पर दुःख होने लगा और वह उदास हो गया। तभी तेज हवा का झोंका आया। हरी घास उसमें झूमने लगी परन्तु सूखा तिनका फुर्र से उड़कर पास में स्थित जल में जा गिरा।
उस जल में एक चींटी अपनी
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