होंठो की भाषा यह अश्रु कहते है, जो शांत रहने के उपरांत भी बहते है। https://t.co/qoPzb0NW6L — विनीत प्रताप सिंह भदौरिया🌄 (@VPSINGHSITU) Dec 16, 2021
होंठो की भाषा यह अश्रु कहते है, जो शांत रहने के उपरांत भी बहते है। https://t.co/qoPzb0NW6L
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